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क्या सहमति से लिया हुआ तलाक ख़ारिज किया जा सकता है ?

नमस्कार दोस्तों,
हमारे ब्लॉग कानून की रौशनी में आप सभी का स्वागत है, आज हम आपको बतायेंगे की अगर कोई जोड़ा आपसी सहमति से अगर तलाक लेता है तो क्या वो तलाक की डिक्री मिलने के बाद भी साथ में रह सकते है या उस तलक को ख़ारिज करवा सकते है ?
तो आईये जानते है -

१. सबसे पहले तो हम आपको ये बता दे की हिन्दू मेरिज एक्ट 1955 के अनुसार कोई जोड़ा आपसी सहमति से तलाक लेता है तो अथवा डिक्री प्राप्त होने के बाद अगर उनको ये लगता है की उनसे जाने अनजाने में गलती हुई है और वो अपना दांपत्य जीवन दोबारा शुरू करना चाहते है तो वो दोबारा सेक्शन १० और सेक्शन १३ के तेहत आवेदन कर सकते है और उनकी डिक्री ख़ारिज की जाएगी ,
 ये एक्ट सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा पारित किया ,
या फिर वो दोबारा शादी कर के भी अपनी डिक्री को ख़ारिज कर सकते है ,
या अगर महिला या पुरुष दोनों में से कोई भी चाहे तो आवेदन कर सकते है , और उनको एक मौका और दिया जा सकता है ,

२. और यदि म्यूच्यूअल कंसेंट में फर्स्ट  मोशन में पति पत्नी में रिलेशन बनते है जो पति पत्नी में होते है तो फिर यदि सेकंड मोशन में होने के बाद आपको डिक्री मिल जाती है - तो उसके बाद भी यदि महिला ये कह दे की हमारे बिच सरे रिलेशन बने थे तब भी वो डिक्री ख़ारिज हो जाती है - delhi हाई कोर्ट के जज गणेश गाईतोंडे ने ये कहा की  ये कानून का उलंघन है अथवा कानून ये नही चाहता की किसी का रिश्ता ख़तम होए यदि उनमे रिलेशन बने थे इसका मतलब ये समझा जाता है की वो न चाहते हुए भी साथ में रहना चाहते है,
 अता कोर्ट इसे लोगो की सराहना करता है तथा एक मौका और देता है अपने रिश्ते के साथ जीने का -

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